थायराइड - Thyroid in hindi
थायराइड एक ग्रंथि होती है जो गले के ठीक सामने रहता है।
यह ग्रंथि आपके शरीर के मेटाबॉलिज़्म को नियंत्रण करती है
।
यानी जो भोजन हम खाते है यह उसे ऊर्जा में बदलने का कार्य करता है।
उसके अलावा यह आपके हृदय , मांशपेशियों, हड्डियों व कोलेस्ट्रॉल को भी प्रभावित करता है।
थायराइड को साइलेंट किलर भी कहते हैं।
क्योंकि इसके लक्षण एक साथ नहीं दिखते हैं।
. थायराइड की समस्या पिट्यूटरी ग्रंथि के कारण भी होती है।
. रजोनिवृति में असमानता भी थायराइड का कारण बन सकता है।
. थायराइड से ग्रस्त मरीजो को थायराइड फंक्शन टेस्ट कराना चाहिए।
थायराइड के कारण - thyroid causes in Hindi
. थायराइड कई कारणों से हो सकता है। इनमे से ये प्रमुख हैं।
1- थायराइडिस् - यह सिर्फ एक बढ़ा हुआ थायराइड ग्रंथि है, जिसमे थायराइड हार्मोन बनाने की क्षमता कम हो जाती है।
2- सोया उत्पाद - एसोफ्लेवोन् गहन सोया प्रोटीन, कैप्सूल और पाऊडर के रूप में सोया उत्पादों का जरुरत से ज्यादा प्रयोग भी थायराइड होने के कारण हो सकते हैं।
3- दवाएं - कई बार दवाओ के प्रतिकूल प्रभाव ( साइड इफ़ेक्ट) भी थायराइड की वजह हो सकती है।
4- हैपोथैल्मिक रोग - थायराइड की समस्या पिट्यूटरी ग्रंथि के कारण भी होती है क्योंकि यह थायराइड ग्रंथि हार्मोन्स को उत्पादन करने के संकेत नही दे पाती।
5- आयोडीन की कमी - आयोडीन की कमी से भी थायराइड हो सकता है।
6- तनाव - जब तनाव ज्यादा होने लगता है तो हमारे थायराइड ग्रंथि पे असर पड़ता है। यह ग्रंथि हार्मोन्स के स्तर को बढ़ाता है।
7- ग्रेव्स रोग - ग्रेव्स रोग थायराइड होने का सबसे बड़ा कारण है। इसमें थायराइड ग्रंथि से थायराइड हार्मोन्स का स्त्राव बहुत बढ़ जाता है। ग्रेव्स रोग ज्यादा टार 20-45 के उम्र के बीच की महिलाओ को होता है।
ये रोग अनुवांशिक भी हो सकता है और एक ही परिवार के कई लोगो को प्रभावित कर सकता है।
8- रजोनिवृति- यह भी थायराइड का कारण है क्योंकि महिला में कई प्रकार के हार्मोनल परिवर्तन होते हैं जो कई बार थायरायड के स्तर को बढ़ा देते हैं।
थायराइड के लक्षण - thyroid symptoms in hindi
थायराइड की वजह से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम हो जाती है।
थायराइड के सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं-
. जल्दी जल्दी थकान होना।
.शरीर सुस्त रहना।
.थोडा मेहनत करते ही ऊर्जा की कमी लगना।
.डिप्रेशन में जाने लगना।
.जोड़ो में दर्द होना।
.मांसपेशियों में दर्द रहना।
.याददाश्त कमजोर होना।
थायराइड ग्रंथि क्या है - what is thyroid gland
थायराइड कोई रोग नहीं है बल्कि एक ग्रंथि का नाम है जिसकी वजह से ये रोग होता है।
दरअसल थायराइड गर्दन के नीचे हिस्से में पाई जाने वाली क इनडोक्राइन ग्रंथि है।
थायराइड ग्रंथि का नियंत्रण पिट्यूटरी ग्लैंड से होता है जबकि पिट्यूटरी ग्लैंड को हाइपोथेलेमस कंट्रोल करता है।
ये दो प्रकार के हार्मोन्स बनाती है।
एक टी3 जिसे ट्राई-आयोडो-थायरोनिन कहते हैं।
दूसरी टी4 जिसे थायरोक्सिन कहते हैं।
जब थायराइज से निकलने वाले ये दोनों हार्मोन जब असंतुलित होते हैं तो थायराइड की समस्या हो जाती है।
थायराइड का परीक्षण - Diagnosis of thyroid in hindi
फिजियोलॉजी - थायराइड ग्रंथि से हैपोथालेमस, पिट्यूटरी2 ग्रन्थियां और थायरॉइड सभी मिलकर थायरोक्सिन और ट्राइआयोडोथाइरोनाइन के निर्माण में सहयोग करते हैं।
थायराइड को उकसाने वाले हार्मोन थायराइड से टी3 और टी4 को छोड़ते हैं। थायरोक्सिन या टी4 थायराइड से निकलने वाला प्रमुख हार्मोन है।फिजियोलॉजी के जरिये इन हार्मोन्स की जांच की जाती है जिससे थायराइड का पता चलता है।
स्क्रीनिंग - इसके जरिये थायराइड के मरीज का पूरी तरह से जांच संभव तो नहीं है लेकिन कुछ मामलो में फायदा भी करता है जैसे जन्मजात मरीज और बच्चों की स्क्रीनिंग जांच से थायराइड का पता चलता है और मधुमेह रोगियो में स्क्रीनिंग से थायराइड का जांच होता है।
थायराइड फंक्शन टेस्ट ( टी फ टी )
थायराइड के मरीज के किये थायराइड फंक्शन टेस्ट किया जाता है। इससे यह निश्चित हो जाता है की मरीज हैपोथायराइड है या हायपरथायराइड ।
इस जांच से टीएसएच सीरम की संवेंदशीलता का पता चलता है।
थायराइड का इलाज - thyroid treatment in hindi
रेडियोएक्टिव आयोडीन ट्रीटमेंट - थायराइड के मरीज को रेडियोएक्टिव आयोडीन दवाई या लिक्विड के द्वारा किया जाता है।
इस उपचार के द्वारा थायराइड की ज्यादा सक्रिय ग्रंथि को काटकर अलग किया जाता है।
इस थेरेपी से 8-12 महीने में थायराइड समाप्त हो जाता है।
सर्जरी - सर्जरी के द्वारा आंशिक रूप से थायराइड ग्रंथि को निकाल दिया जाता है, जो कि बहुत सामान्य तरीका है।
थायराइड के मरीजो में सर्जरी के द्वारा उसके शरीर से थायराइड के उत्तकों को निकाला जाता है जो की ज्यादा थायराइड हार्मोन पैदा करते हैं।
प्रेग्नेंट महिलायें और बच्चे जो थायराइड की दवाओ को बर्दाश्त नहीं कर सकते उनके लिए सर्जरी उपयोगी है।
एंटीथायराइड को कैसे कंट्रोल करे - tips for control thyroid
थायराइड संबंधी सभी समस्याओ से बचना आसान तो नहीं, लेकिन खानपान के जरिये इससे होने वाली समस्याओ को नियंत्रित किया जा सकता है।
थायराइड ग्रंथि को उचित आयोडीन से ठीक रखा जा सकता है।
पत्ता गोभी, फूल गोभी और शलगम आदि से दूर ही रहें क्योंकि घेंघा बनने की संभावना होती है।
थायराइड कम करने के घरेलु उपाय - home remedies for thyroid in hindi
फ़ास्ट फ़ूड ( fast food ) - थायराइड होने पर तला , भुना, तेल, मसाले, बहुत कम खाने चाहिए। वरना दवाई का असर कम हो जाता है।
चीनी ( sugar) - ज्यादा मीठा खाने से बचे , चीनी का सेवन कम करें।
काफी ( coffee) - काफी में मौजूद एपिनेफ्रिन और नोरेपीनेफ्रिन थायराइड को बढ़ावा देते हैं।
गोभी - ( carli flower) - इसमें बन्दगोभी और ब्रोकोली खाने से भी बचें।
सोया -( soya) - इसका प्रयोग कम करना चाहिए लेकिन मजबूरी में खाने के 4 घंटे बाद खा सकते हैं पर कम।
Comments
Post a Comment