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Asthma ke liye yoga

अस्थमा जिसका इलाज हम आज
Asthma ke liye yoga के रूप में जानेंगे
जैसा कि सभी जानते हैं कि आजकल जैसे जैसे प्रदूषण बढ़ रहा है वैसे वैसे अस्थमा के रोगी भी बढ़ते जा रहे हैं चूँकि यह जड़ से रोग दूर नही किया जा सकता इसलिए इस नियंत्रित करने के लिए अलग अलग तरीको का प्रयोग करते हैं ।
इनमे से Asthma ke liye yoga भी एक सरल और कारगर उपाय है।
हम सभी जानते हैं कि योग हमारे देश मे कई युगों से चलता आ रहा है । ये ना सिर्फ अस्थमा के लिए बल्कि लगभग हर बीमारियों में इसका बहुत ही ज्यादा लाभ है ।

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तो चलिए पहले जानते हैं कि

1- अस्थमा क्या होता है ।

2- अस्थमा कैसे होता है ।

3- अस्थमा में बचाव कैसे करें ।


और भी बहुत सी  खास जानकारी ।


1 -             अस्थमा क्या होता है ( what is Asthma )


Asthma kya hai




   Ashtma जिसे हम " दमा " भी कहते हैं वो एक कई तरह की होने वाली एलर्जी  से होने वाली सांस की नालियों या जिससे हम सांस लेते है वायुमार्ग  में होती हैं ।

दमा में  सांस लेने वाली नालियों में संकुचन या जिसे हम सिकुड़ना बोलते हैं वो होने लगता है ।

इससे सांस लेने में परेशानी होने लगती है जिसके वजह से दम घुटने का कारण बनता है ।
और उसी वजह से हमे खांसी , सांस फूलना , सांस ठीक से ना ले पाना , घबराहट आदि होने लगता है ।



2-                           अस्थमा के कारण (  Asthma causes in hindi)


अस्थमा के होने के बहुत से कारण होते हैं ।  तो हम आपको उनमे से कुछ प्रमुख कारण बताएंगे ।


. वायुप्रदूष ( Air pollution )


asthma se bachav


 दमा रोग होने का सबसे बड़ा कारण हवा में फैली गंदगी ही  होती है ।
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हवा की गंदगी में बहुत से रासायनिक पदार्थ पाए जाते हैं जिसकी वजह से सांस फूलना , हमारे रोग प्रतिरोधक क्षमता का कम होना , जहरीली गैसों की वजह से हमारा स्वास्थ्य गिरना ये सब बहुत आम बात है

के रासायनिक पदार्थ होने की वजह से हमे एलर्जी होना भी काफी हद तक संभव है। 

.  धूम्रपान, शराब पीना 



smoking causes asthma


यह भी एक महत्वपूर्ण कारण है इसकी वजह से भी हमारे शरीर का immunity system कमजोर होने लगता है और  हमारा शरीर बीमारियों का घर बन जाता है ।
जैसा कि शराब या सिगरेट में बहुत ज्यादा भारी मात्रा में नुकसान पहुचाने वाले रासायनिक पदार्थ होते हैं।
उनमे से कुछ पदार्थों से हमे एलर्जी हो सकती है ।





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3-                            अस्थमा के लक्षण - 


. बलगम वाली या बिना बलगम के सूखी खांसी काफी दिनों तक रहना ।

. सांस फूलना या सांस लेने में दिक्कत होना ।
.  ठंढ बढ़ने के साथ साथ सांस लेने में दिक्कत का बढ़ना ।

. बोलने में कठिनाई या गले मे दर्द होना 



ये सब आम लक्षण है दमा के ।


4-                            अस्थमा में  बचाव 


अस्थमा दुनिया मे होने वाली उन बड़ी बीमारियों में से एक है ।
तो हम आपको बताएंगे कि अस्थमा में बचाव कैसे करें ।

. ठंढी  चीज़ो का सेवन कभी न करें - 


यह ठंढ के साथ साथ बढ़ने वाली बीमारी है अतः इसमे हमे ठंढी चीजो का सेवन नही करना चाहिए ।

Colddrink , icecream , ठंडे पेय पदार्थ ये सब हमे नही खाना-पीना चाहिए ।
hari sabjiyon ke labh damaa me


. हरि सब्जियों में है अस्थमा को नियंत्रित करने का राज -


हरी सब्जियों में बहुत से विटामिन्स, मिनरल्स, प्रोटीन्स बहुत चीजे पायी जाती हैं जो हमे बहुत लाभ पहुचाती हैं ।

गाजर और पालक का रस बहुत लाभदायक है दमा के मरीज के लिए ।


ओमेगा-3 फैटी एसिड भी लाभ करता है ।

अदरक ,मिर्च, लहसून , ये सब भी अपने खाने में जरूर शामिल करें।

. गर्म पानी है अस्थमा में लाभदायक 


पानी को गर्म करके पीने से सांस लेने की तकलीफ में काफी
राहत मिलता है और खांसी या कफ के जमा होने में भी यह लाभदायक है ।


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                                     Asthma ke liye yoga 


इसमे 4 चरण में योग कराया जाता है 

1- योगासन

2- प्राणायाम

3-  षटकर्म

4- ध्यान 


ये 4 प्रमुख योगासन है दमा को ठीक करने के लिए ।

1-                                योगासन के लाभ दमा में -



yoga for asthma


जैसा कि हम सभी जानते हैं कि योगासनों से दमा ही नही बल्कि सारी बीमारियों का इलाज संभव है ।
यह हमारे शरीर को लचीला , फूर्त, स्वस्थ बनाता है ।
कुछ निम्न योगासन इस प्रकार हैं

. पवनमुक्तासन
. नावासन
. चक्र पादासान
.उत्तानपादासन 


2-                                               प्राणायाम -


  प्राणायाम लगभग सांस से मिलती जुलती हर बीमारियों का सफल उपयोग है । प्राणायाम में अस्थमा को काफी हद तक कम कर लेने का राज है । 

अस्थमा का इलाज केवल फेफड़ों को खोलना ही नही बल्कि फेफड़ो में से सूजन को हटाना भी है ।

और ऐसे कई सारे योगासन हैं जिनसे फेफड़ों के सूजन दूर किया जाता है । उनमे से प्राणायाम भी एक महत्वपूर्ण योगासन है ।

आप निम्न प्रकार के प्राणायाम कर सकते हैं ।

. सरल प्राणायाम
. अनुलोम - विलोम प्राणायाम
.  कपालभाति प्राणायाम


3-                   अस्थमा में षट्कर्म के लाभ -


षटकर्म जैसे योग में इतनी ताकत होती है कि मानव शरीर मे उत्पन्न होने वाले सभी सांस से संबंधित रोग और बलगम को जड़ से निकाल देता है ।
शरीर से बलगम निकाल देने के बाद फेफड़ो में ऊर्जा, सांस लेने में राहत और अस्थमा में होने वाली अटैक को रोका जा सकता है ।


छः योग के छः क्रिया को षटकर्म कहते हैं ।

4-                                ध्यान है दमा में लाभकारी -

Meditation के बहुत से लाभ है उन लाभो में ये भी एक है जिससे हमारा एकगत्र होने की क्षमता को बढ़ावा मिलता है ।
और हम इसमे सांस को एक उचित तरीके से छोड़ते और ग्रहण करते हैं जिससे यह सांस को नालियों में बहुत अच्छा परिणाम देता है जिसके फलस्वरूप हमे दमा में होने वाली कष्टों से दूर रखने में खुद को मदद मिलता है ।



              












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